उत्तराखंड के विकाश को गति देने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की पहल

सीआईआई राज्य परिषद की चौथी बैठक का किया आयोजन

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देहरादून । इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) काशीपुर ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राज्य परिषद सदस्यों की चौथी बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का मकसद उत्तराखंड और उत्तरी क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों का पता लगाना था। इसी दिशा में पहल करते हुए प्रमुख उद्योग कर्मियों और शैक्षणिक जगत के अग्रणी लोगों को एक प्लेटफॉर्म पर साथ लाया गया। आईआईएम काशीपुर के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर सोमनाथ चक्रवर्ती ने आपसी संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में ऐसे आयोजनों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने आईआईएम काशीपुर के कैम्पस में उद्योग और इससे संबंधित प्रतिनिधियों का स्वागत किया और कहा, ‘‘हम उद्योग और आईआईएम काशीपुर के बीच संबंधों को गहरा और व्यापक बनाना चाहते हैं।”

सीआईआई-उत्तराखंड एक राज्य स्तरीय उद्योग निकाय है। इसका गठन राष्ट्रीय निकाय कन्फैडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की छत्र छाया में ही किया गया है। इसके तहत, उत्तराखंड में उद्योगों के सामने आने वाली चुनौतियों और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नियमित बैठकें रोटेशन के आधार पर आयोजित की जाती हैं।

सीआईआई-उत्तराखंड के चेयरमैन कनिष्क जैन ने कहा, ‘‘आईआईएम का सीआईआई में शामिल होना और सक्रिय होना उत्तराखंड में उन उद्योगों के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विकास के लिए तैयार हैं। इंडस्ट्री को आज अपने साथ तालमेल करने के लिए प्रमुख संस्थानों की ओर से सहयोग की जरूरत है।’’

आईआईएम काशीपुर के डीन प्रो. कुणाल गांगुली ने कहा, ‘‘आईआईएम काशीपुर उद्योग के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम और इन-कंपनी प्रोग्राम भी संचालित करता है। निश्चित तौर पर ऐसे कार्यक्रमों से इंडस्ट्री को बहुत फायदा होता है।’’ उन्होंने उद्योग-अकादमिक सहयोग के महत्व पर जोर दिया और कहा कि दोनों की वृद्धि और समृद्धि एक दूसरे पर निर्भर है।

आईआईएम काशीपुर के निदेशक ने दोनों संस्थानों के बीच सहयोग के ऐसे कई अवसरों पर प्रकाश डाला, जिसमें आपसी विकास के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। पंतनगर एयरपोर्ट की डायरेक्टर सुश्री मोनिका डेम्बला ने उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए, उद्योगपतियों द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हुए, एयरपोर्ट के प्रस्तावित विस्तार पर अपडेट जानकारी प्रदान की। उन्होंने क्षेत्रीय संपर्क में सुधार के लिए चल रहे विकास और विस्तार के संभावित लाभों को रेखांकित किया।

बैठक में शामिल सभी प्रतिभागियों ने एक जीवंत और संपन्न उत्तराखंड के निर्माण की दिशा में मिलकर काम करने का संकल्प लिया। उद्योग जगत के अग्रणी लोगों, सरकारी प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने करीबी साझेदारी को बढ़ावा देने, साझा विशेषज्ञता का लाभ उठाने और प्रमुख क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। साथ ही, इस क्षेत्र की पूरी क्षमताओं का पता लगाते हुए इनोवेशन और नए प्रयासों के माध्यम से विकास की गति को तेज करने के सामूहिक लक्ष्य को भी रेखांकित किया गया। यह समर्पण हितधारकों के बीच मजबूत तालमेल के उद्भव का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड को समावेशी आर्थिक प्रगति के एक मॉडल के रूप में स्थापित करना है।

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