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इन दिनों

छठ के प्रवाह में

हवा में छठ की धमक है। दूकानों में शारदा सिन्हा के स्वर गूंज रहे हैं। यों लोक स्वर साम्राज्ञी खुद नहीं रही। जाने की तिथि उन्होंने चुनी भी छठ की।

झूठे वादों से बर्बाद हुआ लोकतंत्र

इस लोकतंत्र के हर चुनाव में नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए और वे कभी पूरे नहीं हुए। जनता ने भी पलट कर पूछा नहीं, क्योंकि अगले चुनाव में और दूसरे वादे थे। ऐसे झूठे लोग सत्ता चलाते हैं

ईरानी महिला और बंसखोरों की आजादी

तेजतर्रार महिला ईरान के जेलों में बंद हैं, क्योंकि उन्होंने मानवाधिकार के लिए सरकार से सवाल किया था और प्रताड़ित महिलाओं के पक्ष में खड़ी हुई थी।

धृतराष्ट्र और गौतम बुद्ध

महाभारत में एक धृतराष्ट्र था तो इतना भयावह महाभारत हुआ। अभी तो कदम-कदम पर धृतराष्ट्र है। पंचायत, प्रखंड, जिला, राज्य और केंद्र में- हर स्थल पर धृतराष्ट्रों का कब्जा है।

हरसिंगार झरते हैं झर-झर

मैंने जीवन में दो हरसिंगार के पौधे लगाए। एक जहां मेरा क्वार्टर था और दूसरे हिन्दी विभाग में। क्वार्टर के हरसिंगार को बाढ़ ने लील लिया। विभाग का हरसिंगार कायम है।

आत्मा जिन्ना और सावरकर की

'सावरकर और जिन्ना ने द्विराष्ट्र का सिद्धांत दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दू मुस्लिम अलग-अलग राष्ट्र हैं। वे सदियों से रहते आये थे। लेकिन द्विराष्ट्र के चक्कर में पहले दो राष्ट्र बने, क्योंकि हिन्दू मुस्लिम साथ नहीं रह सकते थे।

हमें हर वक्त एक मसीहा चाहिए

हमें किसी में किसी का अक्स देखने की आदत है। दरअसल हमें हर वक्त एक मसीहा चाहिए, जो समस्याओं से मुक्ति दिला दे। समस्याएं आपकी हैं और उससे कोई और मुक्त करेगा।