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Baba Nama
सम्पूर्ण क्रांति और सम्पूर्ण कर्मकांड
लोकनायक को याद करूँ या सदी के महानायक को याद करूँ? आज लोकनायक जयप्रकाश और अमिताभ बच्चन का आज जन्मदिन है। आज जन्मदिन नानाजी देशमुख का भी है। यहाँ कौन बेहतर और कौन कमतर का प्रश्न नहीं है। प्रश्न प्रतिबद्धता का है। वर्तमान के जो सुलगते सवाल…
भुतहे हबेली के सवाल ?
बंगला बनाना, बंगला में रहना और बंगला को छोड़ना एक कहानी की तरह है। इस बंगले में बहुत सारे राज छुपे हैं। यह मेरा नहीं भाजपा नेता सचदेवा का बयान है।
नयी सभ्यता के लिए तलवार नही, विचार चाहिए
तीसरे विश्व युद्ध का आगाज हो चुका है। मानवता के करुण पुकार अनसुनी हो रही है। स्त्रियां, बच्चे, बूढ़े सभी युद्ध की विभीषिका के शिकार हैं। मन व्यथित है कि हमारी निजी भूमिका क्या हो और सामूहिक भूमिका क्या हो?
हरियाणा में भाजपा की हार के मायने
हरियाणा यानी हरित प्रदेश यानी खेती किसानी का पर्याय ही है. भाजपा सरकार की नीतियाँ किसानों को पसंद तो आयी नहीं, ऊपर से प्रताड़ना अधिक झेलनी पडी? किसानों को लेकर भाजपा सरकार की बड़ी हठधर्मिता रही है.
हरियाणा का सियासी महाभारत
हरियाणा आज अपने भविष्य निर्माताओं का चुनाव कर रहा है। चुनाव में होश और विवेक की अपेक्षा की जाती है। अक्सर इसके विपरीत ही जनता का व्यवहार सामने आता है। अमूमन जनता बदलाव के पक्ष में खड़ी होती है। पब्लिक परिवर्तन ही पसंद करती है। रिपीट का मतलब…
प्रशांत का जन सुराज: एक गोदी-मूवमेंट
सामाजिक-न्याय के सवाल पर प्रशांत मौन क्यों है? क्या जन सुराज का राजनीतिक बदलाव ही बिहार के सांस्कृतिक-बदलाव का आधार बनेगा? इस प्रशांत-रेखा को समझना जरूरी है. प्रशांत यही साबित करना चाहते हैं कि जिस समूह के पास धन होगा और ऊँची पहुँच होगी,…
आसान नहीं जन सुराज को इग्नोर करना
शराब नीति की प्रशांत ने धज्जियाँ उड़ा दी। प्रशांत ने कहा कि शराब बंदी को ख़त्म करना उनकी पहली प्राथमिकता है।
साईं मंदिर पर शंकराचार्य का बुलडोजर
साईं पर संकट अचानक नहीं आया है। कई वर्षों से सेकुलरपीठ के शंकराचार्य यह सवाल उठाते आ रहे हैं कि साईं एक नकली भगवान हैं। इनका नाम चाँद मियां है। इनकी पूजा बंद होनी चाहिए। साईं ने हिन्दू धर्म में घुसपैठ की है। यह घुसपैठिया भगवान है।
अमर हो गए मल्लिकार्जुन !
मल्लिकार्जुन को स्वनामधन्य होना चाहिए, पर ये तो उल्टी दिशा में चल पड़े हैं ? इनके मुख से बयानों की जो मिनरल धारा बह रही है वह निर्मल नहीं, बल्कि मिनरल राजनीति को ही जन्म दे रही है? पाखंड पवित्रता का प्रतीक नहीं होता। मोदी को हटाये बिना प्राण…
भाजपा: भगवती जागरण पार्टी !
राजनीति को पहले अपना धर्म निभाना चाहिए। जो काम मठ और मंदिर का है, साधु और महात्मा का है, वह काम सरकार न करे। अधार्मि-आचरण लेकर अधार्मिक-अभियान में शामिल होना अशोभनीय है, इसे कतई सराहा नहीं जा सकता है।