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बिहार
गोवर्धन पूजा- जाने कहां गये वे दिन
गांवों में कोई चहल पहल नहीं। बज्जिकांचल में गोवर्धन पूजा को सुकराती कहा जाता है। मुख्य रूप से यह किसानों- पशुपालकों का पर्व है। इस दिन बैल की विशेष रूप से पूजा होती है।
जब स्वामी सहजानंद सरस्वती ने गांधी जी की बोलती बंद कर दी थी
आजादी के बाद सहजानंद सरस्वती गांधी और जयप्रकाश की तरह सत्ता से अलग रहते हुए किसान-मजदूरों का राज स्थापित करने के लिए अपना स्वर मुखर करते रहे।
दिवाली के बाद के उनींदे दिन
दिवाली गुजर गयी। सुबह जब टहलने निकला तो रास्ते में पटाखों के अवशेष, पन्नियां और ताश के पत्ते पड़े थे।
नितीश कुमार ने धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक की
नितीश कुमार ने बताया कि इस बार सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि 1 नवंबर 2024 से 15 फरवरी 2025 तक रखा गया है।
समावेशी विकास के लिए ग्रामीण भारत का होगा डिजिटल रूपांतरण
ग्रामीण भारत में डिजिटल कार्य प्रणाली को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि डिजिटल सेवाओं का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचें
बिहार को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने का कुत्सित प्रयास?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा जो ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ शुरू की गयी थी उसके तेवर, मक़सद व नीयत सब कुछ विवादित था। यही वजह थी कि न केवल बीजेपी ने गिरिराज सिंह की इस यात्रा से ख़ुद को अलग रखा बल्कि बिहार में बीजेपी की सत्ता सहयोगी जनता…
दीपावली महोत्सव- आध्यात्मिकता की आज सख़्त ज़रूरत है: नाजिया हसन
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के लहेरियासराय सेवाकेंद्र के तत्वावधान में अलौकिक दीपावली महोत्सव धूमधाम से मनाया गया
नीतीश कुमार ने छठ की तैयारियों को लेकर गंगा घाटों का किया निरीक्षण
नीतीश कुमार ने लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए राजधानी में छठ घाटों का निरीक्षण किया। उन्होंने स्टीमर द्वारा नासरीगंज घाट से कंगन घाट तक के विभिन्न गंगा घाटों का जायजा लिया।
बिहार विधानसभा उपचुनाव: प्रशांत किशोर ने शुरू की चुनावी सभाएं
प्रशांत किशोर का बसपा प्रमुख मायावती पर बड़ा आरोप, कहा- मायावती को आपके बच्चों की चिंता नहीं, वह करोड़ों रूपए लेकर बसपा का टिकट देती है
बादल- बूंदें और मंदिर शुल्क
राम राज्य मे बाबा का धाम "मंदिर" व्यवसायिक केंद्र के रूप मे तब्दील हो गया है। पहले दर्शन के लिए शुल्क की व्यवस्था बनायी गयी। अब देव दीपावली पर मंदिर परिसर में 'पितरों' के नाम से दीये जलाने के लिए भी मंदिर शुल्क लगेगा।