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ठाकुर का कोना
भूमंडलीकरण ने शिक्षा को बना दिया बिकाऊ माल
भूमंडलीकरण की शुरुआत सोवियत संघ एवं समाजवादी खेमो के विघटन के बाद हुई। इसी के साथ अपने देश में भूमंडलीकरण के अनुरूप शिक्षा क्षेत्र के पुनर्गठन की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई।
सरकार को धान बेचने से क्यों बच रहे किसान?
धान का सरकारी मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित होने के बाबजूद किसान बिचौलिये व्यापारी को 1800 रुपये क्विंटल पर अपना धान बेचने को मजबूर।
मुजफ्फरपुर का लोटा विद्रोह
सन्1857 में अंग्रेजी शासन के खिलाफ मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में लोटा विद्रोह हुआ था जो जेल के कैदियों ने किया था। इन कैदियों में अधिकांश गरीब किसान थे।
खड़ी बोली के आदि शिल्पी बाबू अयोध्या प्रसाद खत्री
खड़ी बोली में पद्य रचना करने को प्रोत्साहित और इसके लिए आर्थिक सहायता भी दिया करते थे अयोध्या प्रसाद खत्री जी।
विज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास मे बाधक है पूंजीवाद
पूंजीवादी राजसत्ता वैज्ञानिक संसाधनों का उपयोग तो करती है लेकिन व्यक्तिक जीवन में वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण का सर्वथा विरोधी है।
बेनीपुरी जी ने बैलगाड़ी से किया था अपना चुनाव प्रचार
जिस दौर में बेनीपुरी जी चुनाव लड़े थे, उस समय मतदान प्रक्रिया लम्बी होने के कारण बैलगाड़ी के लिए भी काफी समय था।
नवम्बर क्रांति के बाद सोवियत संघ में हुआ था शिक्षा का सर्वव्यापीकरण
नवम्बर क्रांति के सफल होने के बाद सोवियत संघ में सरकार ने शिक्षा को सर्वोपरि प्राथमिकता, नि:शुल्क और अनिवार्य किया।
कायथी लिपि : कभी घूरे के भी दिन फिरते हैं
जमीन का दाखिल-खारिज इसलिए नहीं हो सका कि कायथी लिपि को सम्बंधित कर्मचारी पढ़ नहीं पा रहे हैं।
नवम्बर क्रांति, जिसने सोवियत संघ के महिलाओं की दशा बदल दी
युगों-युगों से रूस की महिलाएं गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी हुई थीं। नवम्बर क्रांति के बाद सोवियत संघ में महिलाओं ने एक नये संसार में प्रवेश किया।
Chhath Puja : केलवा के पात पर उगलन सुरुज देव…
केला की उपलब्धता हर मौसम में बनी रहती है, वहीं इसके पत्ते का उपयोग जग जाहिर है। पर्व-त्योहारों में केले के फल के साथ-साथ पत्ते भी पूजा के काम में लाए जाते हैं।