बाल संरक्षण में हमारी जिम्मेदारी

बाल अधिकारों का हनन

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हेमेन्द्र क्षीरसागर
बच्चे मन के सच्चे होते हैं, वह सबको प्यारे होते हैं बावजूद बचपन दुर्भाग्यवश खोता जा रहा है। भारत के बच्चों को हिंसा, दुर्व्यवहार और शोषण से बचाना। परिणाम स्वरूप लाखों बच्चे हिंसा, दुर्व्यवहार और शोषण का शिकार होते हैं। बच्चों के खिलाफ हिंसा व्यापक है और यह भारत के सभी सामाजिक-आर्थिक वर्गों के लाखों बच्चों के लिए कठोर वास्तविकता है। बेशक, बाल सुरक्षा वास्तव में महत्वपूर्ण है क्योंकि वयस्कों के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी देखभाल में बच्चों को नुकसान से बचाएं। जब तक वे इतने बड़े नहीं हो जाते कि वे स्वयं निवारक उपाय कर सकें। सुरक्षित न रहने के परिणामों को समझ सकें। वयस्कों को सभी रूपों में बाल सुरक्षा पर अच्छी समझ होनी चाहिए।
अपने बच्चे से कहें कि जब आप आसपास न हों तो उन लोगों से बात करने से बचें जिन्हें वे नहीं जानते। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा जानता है कि उसे कभी भी अजनबियों के साथ नहीं जाना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा यह समझता है कि यदि कोई अजनबी उसके पास आता है तो उसे हमेशा आपको बताना चाहिए और इस बात को कभी भी गुप्त नहीं रखना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे जानें कि आप उनसे प्यार करते हैं, भले ही वे कुछ गलत करें। अपने बच्चों को प्रोत्साहित करें। उनकी उपलब्धियों और प्रतिभा की प्रशंसा करें। अपने बच्चों के साथ समय बिताएं।
यूएनओ द्वारा बच्चों को क्या अधिकार दिए गए हैं। जीने एवं देखभाल प्राप्त करने का अधिकार। परिवार के साथ रहने का अधिकार। अच्छे स्वास्थ्य एवं बेहतर शिक्षा का अधिकार। आराम करने, खेलने एवं मनोरंजन का अधिकार। आर्थिक एवं शारीरिक शोषण से सुरक्षा का अधिकार। लेकिन एक हकीकत यह भी है कि इन अधिकारों का पालन बेहद कम दृष्टिगोचर होता है। अधिकांशतः इनका हनन ही देखने को मिलता है। यद्यपि इस हनन के खिलाफ शिकायत अवश्य की जा सकती है। यदि आपके सामने भी बाल अधिकारों का हनन हो रहा हो तो हम जिले की बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड और राष्ट्रीय राज्य बाल आयोग को लिखित में शिकायत कर सकते हैं।
बाल सुरक्षा नीति बाल के संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को प्रदर्शित करती है। जिसमें सहयोग में कार्यरत् कर्मचारियों के साथ-साथ जो भी सहयोग के साथ जुड़ाव करता है। उन सभी को बच्चों की सुरक्षा व उनके साथ दुर्व्यवहार विशेष तौर पर यौन दुर्व्यवहार को रोकना है। सुरक्षा वह सब कुछ है जो लोग खुद को या दूसरों को हानिकारक दुर्घटनाओं से बचाने के लिए करते हैं। लोग सुरक्षा उपायों का पालन कर दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं। सुरक्षा उपायों में यह जानना शामिल है कि कोई दुर्घटना कब हो सकती है और फिर उसे होने से रोकने के लिए कदम उठाना शामिल है।

 

Child Protection
हेमेन्द्र क्षीरसागर, पत्रकार, लेखक व स्तंभकार, बालाघाट, मप्र
(ये लेखक के निजी विचार हैं। लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं
जवाबदेह है। इसके लिए Swaraj Khabar उत्तरदायी नहीं है।)
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