सुमिता सुमन
यह साल मंगल का साल है। 9 नंबर को अंकज्योतिष में मंगल ग्रह नियंत्रित करता है। कहा जा रहा है कि यह साल विनाश का साल है। नंबर 9 को मंगल ग्रह शासित करता है। मंगल रक्त, लड़ाई-झगड़े, जमीन और अग्नि का कारक है।
इस साल की शुरुआत में भयंकर अग्निकांड और भूकंप की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन लड़ाई-झगड़े अभी बाकी हैं, जिसमें मुख्यतः जमीन को लेकर आपसी विवाद और बड़े तौर पे देखें तो पड़ोसी देश की दखलअंदाजी के कारण लड़ाई या युद्ध हो सकता है।
कालपुरुष की कुंडली के अनुसार 9 नंबर से 9वां भाव जुड़ा है, जो भाग्य, धर्म, उच्च ज्ञान और गुरु का भाव होता है। इसके अनुसार इस साल लोग बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक रुचि लेने लगेंगे।
जो अब तक सिर्फ सोशल मीडिया पर गुप्त विद्याओं की बातें सुनते थे, वे अब इनका ज्ञान लेना शुरू करेंगे। यह हर व्यक्ति पर अलग-अलग तरीके से प्रभाव डालेगा, किसी पर अच्छा तो किसी पर बुरा और लोग गुरु की शरण में जाएंगे।
2025 के मई से भारत की मंगल की महादशा शुरू हो रही है। 10 साल से भारत चंद्रमा की महादशा में था। चंद्रमा चूंकि एक सौम्य ग्रह है तो यह मन का कारक और भावुकता का कारक माना जाता है इसलिए इस दशा में लोग जो भी निर्णय ले रहे थे, वे अपनी भावनाओं में बहकर अपने देश और राजा के लिए निर्णय ले रहे थे ।
लेकिन मई 2025 से भारत की मंगल की महादशा शुरू हो रही है। अब तक जनता भावुक होकर निर्णय ले रही थी, लेकिन अब जनता सही और गलत का फैसला उग्रता से खुद करेगी।
भारत की कुंडली में मंगल दूसरे भाव में स्थित है, जिसकी चौथी दृष्टि पांचवें भाव पर पड़ती है। इसका असर देश की शिक्षा प्रणाली पर दिखेगा। आंगनवाड़ी जैसी संस्थाओं के नियम बदल सकते हैं। बच्चों के प्रति अभिभावकों को विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
सातवीं दृष्टि आठवें भाव पर होने के कारण देश को अचानक कई विपत्तियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी घटनाएं हो सकती हैं, जिनके बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं मिलेगा। आठवीं दृष्टि नौवें भाव पर होने के कारण देश में लोग अपने धर्म के प्रति कट्टरता का भाव रखेंगे। देश को एक नया गुरु मिलेगा और किसी पुराने गुरु पर किसी प्रकार का आरोप लग सकता है।
मंगल की यह महादशा 7 वर्षों तक रहेगी ।
(ये लेखक के निजी विचार हैं। लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है। इसके लिए Swaraj Khabar उत्तरदायी नहीं है।)