बाबा विजयेन्द्र
सौ दिन सरकार का और एक दिन इकरार का.यह कोई पहेली नहीं है बल्कि राहुल गाँधी द्वारा मोदी के जन्मदिन पर दी गई शुभकामना है.हम सबके लिए भी यह एक सन्देश है.भारतीय लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि असहमति लाख हो,पर साथ-साथ चलने की हमारी आदत बनी हुई है.मतभिन्नता बहुत है,पर मनभिन्नता कहीं नहीं है.
कितनी दुश्मनी नजर आती है इनकी आपस में,पर मोदीजी के जन्मदिन पर दी गयी शुभकामना का स्वर वास्तव में हिन्दुस्तान का स्वर है.राहुल गाँधी ने अपनी मोहब्बत की दुकान से मोदीजी के लिए बढ़िया माल छांट कर रख लिया था.मोदीजी के प्रति राहुल का प्यार अभिभूत करता है. राहुल कभी कनखियों से तो कभी झप्पियों से मोदी के लिए अपनी मोहब्बत का इजहार करते रहते हैं.
जन्मदिन मोदी की और चर्चा राहुल की, यह आपको ठीक नहीं लग रहा होगा? लेकिन असहिष्णुता के इस दौर में झूठा ही सही कहीं मोहब्बत दिखती है तो अच्छा लगता है.
शायद मोदीजी भी ऐसा ही करेंगे अपने विरोधियों के साथ. न किसी असहमत को जेल देंगे न ही उनकी मॉब लिंचिंग होने देंगे? आप आमीन कह दीजिये इस बात पर. वैसे अब तो औपचारिकता ही शेष है. भागती जिंदगी में अब इस औपचारिकता निभाने का भी वक्त नहीं होगा लोगों के पास।
आज मोदी जी का अवतरण दिवस है. समर्थक हो या विरोधी सभी जन्मदिन की शुभकामना दे रहे हैं. हर गली, हर नगर, हर ग्राम में जश्न-ए-जन्मदिन की तैयारी है.पूरा पखवाड़ा जन्मदिन मनाया जायेगा. दो अक्टूबर तक यह कार्यक्रम चलेगा.साबरमती का संत और साबरमती का यह सपूत उस दिन एकात्म स्थापित करेंगे.महात्मा से लेकर मोदी तक साबरमती का पानी बहुत बह चुका है.बहुत कुछ बदल गया है. पिछली सदी महात्मा की सदी थी. पिछली पूरी सदी महात्मा के प्रभाव में रही,यह सदी मोदी के प्रभाव में है.
मोदी सरकार के सौ दिन आज पूरे हुए.अमित शाह ने सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड भी जनता के सामने रखा है. मोदी की यह तीसरी सरकार तीन गुनी शक्ति के साथ तीसरी दुनिया के गढ़ने की तैयारी में है.वास्तव में तीसरी दुनिया भी संभव है.थर्ड वर्ल्ड इज पॉसिबल? मोदी है तो मुमकिन है. बामन का तीन डेग और मोदी सरकार का यह तीन डेग नया अनुप्रास गढ़ रहा है.नरेन्द्र का यह निर्गुनी नहीं,बल्कि त्रिगुणी सरकार है.प्रकृति की तरह पॉलिटिक्स भी त्रिगुणी हो गई है.इसकी व्याख्या फिर कभी करूँगा.
मोदी जी 1974 की बात करते-करते 74 के हो गए.कांग्रेस मोदी की आयु जानकर परेशान होगी.74 के हुए मोदी को शुभकामना देने में हिचकिचाहट अवश्य हो रही होगी.74 के बहाने और भी कुछ न होने लग जाए?
सरकार के सौ दिन पूरे हो गए. इसमें हमारी कोई उत्सुकता नहीं है.सरकार ने दस साल यूँ ही दिन काट लिए, यह भी पांच साल कट जायेंगे. इस पर क्या विचार करना? यहां हम मोदी जी के शतायु और दीर्घायु होने की कामना करते हैं. मोदी एक उदाहरण हैं.एक संभावना हैं. सांगठनिक लोकतंत्र की नूतन निष्पत्ति हैं. एक गरीब घर का बेटा यहां भी पहुँच सकता है. एक घांची तेली परिवार में पैदा हुआ एक वंचित बाप का बेटा संसार के शिखर पर है!
गरीबी की गोद में पलकर अमीरी की गोद में पहुंचना एक परिस्थिति का ही रूपांतरण है. इसमें पुरुषार्थ क्या है. पुरुषार्थ है अमीरी गोद में आकर गरीबी मिटा देने का प्रयास करना. शायद मोदी के अवतार से यही अपेक्षा है. बायोलॉजिकल के डिबेट में हमें नहीं जाना है. सवाल दर सवाल का मोदी का जीवन एक जवाब बन जाए तो शुभ होगा. ऐसा कुछ चमत्कार हो जाए तो इन्हें अवतार कहने में क्या दिक्कत है?
बस केवल बापू के उस ताबीज़ को झाड़पोंछ लें. दो अक्टूबर तक मोदी का जन्म पखवाड़ा मनाया जा रहा है। शायद वह ताबीज भी मोदी जी को याद आ जाए तो यह विश्वकर्मा दिवस स्वनामधन्य हो जाएगा.
अभी मोदी भाई को हमें मार्गदर्शन मंडल में नहीं भेजना है. इनके लिए कोई अनुशासन नहीं होगा. बात अभी इन्हें मंडल की करनी है. पिछड़ा नेता हैं मोदी जी तो पिछड़ों की अब गिनती भी करेंगे और उन्हें हाशिये से निकाल कर मुख्यधारा में भी लाएंगे। अभी इनके लिए अवकाश नहीं है. इन्हें गंगा को बचाना है,गांव को बचाना है,गाय को बचाना है. आपकी गाय ने बच्चा दिया है. खूब देसी गाय का दूध पीजिये और सेहतमंद रहिये. रील से बाहर रियल में भी गायें मर रही हैं इनपर भी ध्यान देना है. बस सड़क पर बिलबिलाते पिल्ले यूँ ही कुचल कर न मर जाएं,इसकी भी थोड़ी चिंता करिये. बस हमारी तरफ से जन्मदिन की अशेष शुभकामना स्वीकार करिये. जय हो!