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क्या अब हमारे आदर्श हत्यारे, बलात्कारी व गुंडे मवाली हैं?

आज हमारे समाज का एक बड़ा वर्ग ख़ासकर युवा वर्ग ऐसे लोगों को अपना आदर्श मानने लगा है या ऐसे लोगों से प्रेरित हो रहा है जो अपराधी हैं, हत्यारे व बलात्कारी हैं, गुंडे और मवाली प्रवृति के लोग हैं।

झूठ की बुनियाद पर टिका भाजपा का सदस्यता अभियान

भारतीय जनता पार्टी द्वारा आजकल राष्ट्रीय स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ साहित भाजपा के अनेक बड़े नेता पार्टी के सदस्य अथवा सक्रिय सदस्य बन चुके हैं।…

उनींदे- अनठाये दिनों के लिए कुछ शब्द

खैर, मेरे दिन यों ही खर्च हो रहे थे। भटके हुए लाचार दिन।‌ उन्हीं दिनों भागलपुर की सड़कों पर अलग से हंगामे थे। छात्र व्यवस्था बदलने के लिए उताहुल थे।

आक्समिक नही है नेताओं का चारित्रिक अवमूल्यन

देश में आजादी आंदोलन चल रहा था। अपने नेता के आह्वान पर झुंड के झुंड युवक व युवतियां आंदोलन में शामिल हो रहे थे। अपने प्राणों की आहुति दे रहे थे। उनके दिलों में अपने नेताओं के प्रति बड़ा सम्मान भाव था। तब नेताओं में खुदगर्जी की कोई भावना…

रावण दहन तो हो गया, लेकिन —–!

अगर हम वर्तमान परिवेश में शक्ति की पूजा को बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य की जीत और नारी-अस्मिता की रक्षा की दृष्टि से देखें तो जो स्थिति नजर आती है, वह बड़ी डरावनी है।

सीता और शूर्पणखा

दुर्गा पूजा ख़त्म हो गया। सड़कों पर उमड़ी भीड़ अपने-अपने घरों में सिमट गई। वे बैनर, पोस्टर, सजावट सबके सब धुँधले पड़ गये। जगह वही है, स्थान ज़रा भी नहीं खिसका, लेकिन एक सजी दुनिया खिसक गई।

ई वी एम संदिग्धता: या इलाही ये माजरा क्या है?

हरियाणा विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणामों ने पूरे देश के न केवल सभी प्रमुख एजेंसीज़ द्वारा किये गए एक्ज़िट पोल्स को बुरी तरह झुठला दिया बल्कि बड़े-बड़े राजनैतिक विश्लेषकों को भी हैरानी में डाल दिया।

अमर हो गए मल्लिकार्जुन !

मल्लिकार्जुन को स्वनामधन्य होना चाहिए, पर ये तो उल्टी दिशा में चल पड़े हैं ? इनके मुख से बयानों की जो मिनरल धारा बह रही है वह निर्मल नहीं, बल्कि मिनरल राजनीति को ही जन्म दे रही है? पाखंड पवित्रता का प्रतीक नहीं होता। मोदी को हटाये बिना प्राण…