भूमंडलीकरण की शुरुआत सोवियत संघ एवं समाजवादी खेमो के विघटन के बाद हुई। इसी के साथ अपने देश में भूमंडलीकरण के अनुरूप शिक्षा क्षेत्र के पुनर्गठन की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई।
आज दौलत अर्जित करने के लिए आपाधापी मची हुई है। दौलत, दौलत, दौलत चाहे कैसे भी हो, दौलत अर्जित करना है। क्यों नहीं? दौलत से ही शोहरत मिलती है। यही शोहरत हासील करना जीवन का चरम लक्ष्य बन चुका है। शिक्षा का उद्देश्य भी दौलत जमा करना भर रह गया…
पश्चिम चम्पारण जिले के निवासी और ख्यात राष्ट्रीय पत्रकार, अर्थशास्त्री और सुधार कार्यकर्ता मनोहर मनोज ने कहा है की भारत के विकसित राष्ट्र बनने का सफर आसान नहीं पर असंभव भी नहीं है। श्री मनोज हाल ही में अपने बिहार दौरे दौरान राजधानी पटना के…