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Ravana

रावण दहन तो हो गया, लेकिन —–!

अगर हम वर्तमान परिवेश में शक्ति की पूजा को बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य की जीत और नारी-अस्मिता की रक्षा की दृष्टि से देखें तो जो स्थिति नजर आती है, वह बड़ी डरावनी है।

सीता और शूर्पणखा

दुर्गा पूजा ख़त्म हो गया। सड़कों पर उमड़ी भीड़ अपने-अपने घरों में सिमट गई। वे बैनर, पोस्टर, सजावट सबके सब धुँधले पड़ गये। जगह वही है, स्थान ज़रा भी नहीं खिसका, लेकिन एक सजी दुनिया खिसक गई।